कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं kabhi pyase ko pani pilaya nahi baad amrit pilane se kya faida
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा । कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसू बहाने से क्या फ़ायदा ॥मैं तो मंदिर गया, पूजा…
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा । कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसू बहाने से क्या फ़ायदा ॥मैं तो मंदिर गया, पूजा…
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ । मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की जाई हूँ ॥ अरे रसिया, ओ मन वासिय, मैं इतनी दूर…
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं। जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।लंका जला के सब को हरा के तुम्ही खबर सिया की…
सुख का त्योहार मिले डमरू के ताल सुख का त्योहार मिले डमरू के ताल करे दुख पिडा पार जटाधारी.. शिव भोला भंडारी, शिव भोला भंडारी शिव भोला भंडारी, शिव भोला…
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ अंत:काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ भोले शंकर की पूजा…
Gayatri Mantra is taken from Rig Veda (Mandala 3.62.10), dedicated to Savitri, the goddess of five elements. Maharshi Vishvamitra is said to have created the Gayatri mantra. Chanting of Gayatri…
॥दोहा॥ जनकजननिपद्मरज, निजमस्तकपरधरि।बन्दौंमातुसरस्वती, बुद्धिबलदेदातारि॥ पूर्णजगतमेंव्याप्ततव, महिमाअमितअनंतु।दुष्जनोंकेपापको, मातुतुहीअबहन्तु॥ जयश्रीसकलबुद्धिबलरासी। जयसर्वज्ञअमरअविनाशी॥ जयजयजयवीणाकरधारी। करतीसदासुहंससवारी॥ रूपचतुर्भुजधारीमाता। सकलविश्वअन्दरविख्याता॥ जगमेंपापबुद्धिजबहोती। तबहीधर्मकीफीकीज्योति॥ तबहीमातुकानिजअवतारी। पापहीनकरतीमहतारी॥ वाल्मीकिजीथेहत्यारा। तवप्रसादजानैसंसारा॥ रामचरितजोरचेबनाई। आदिकविकीपदवीपाई॥ कालिदासजोभयेविख्याता। तेरीकृपादृष्टिसेमाता॥ तुलसीसूरआदिविद्वाना। भयेऔरजोज्ञानीनाना॥ तिन्हनऔररहेउअवलम्बा। केवकृपाआपकीअम्बा॥ करहुकृपासोइमातुभवानी। दुखितदीननिजदासहिजानी॥ पुत्रकरहिंअपराधबहूता। तेहिनधरईचितमाता॥ राखुलाजजननिअबमेरी।…
॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ …
।। श्री हनुमान चालीसा दोहा ।। श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिकै सुमिरौं पवनकुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु…
आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की जाके बल से गिरिवर कांपे रोग दोष जाके निकट न झांके अंजनि…