मैं आज आपके लिए Love story in bus का दूसरा भाग लेकर आया हु।
स्वाति के ख्यालो में ही गुम Love story in bus
जब सुधीर अपने घर पहुंचा तो उसको कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था।
बार बार वो स्वाति के बारे में ही सोच रहा था ।
पूरी रात वो स्वाति के ख्यालो में ही गुम रहा ।
उसको रात में नींद नही आई इस वजह से वो सुबह लेट उठा।
वो जल्दी जल्दी ऑफिस के लिए तैयार होने लगा।
और ऑफिस के लिए निकला। फिर वो बस स्टैंड पर पहुंचा, और बस में चढ़ गया और आगे उसको स्वाति दिखाई दी ।
वो उसकी सीट के पास जाकर खड़ा हो गया ।
स्वाति ने उसको देखा और उसको हाथ हिलाते हुए Hi का इशारा किया ।
सुधीर ने भी स्वाति को Hi कहा।
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फिर स्वाति के पास बैठा आदमी खड़ा हो गया और बस से उतर गया।
सुधीर स्वाति के पास बैठ गया ,और दोनों बातें करने लगे।स्वाति ने पूछा कल आपने पार्टी में नही बुलाया सुधीर बोला कल मैंने पार्टी नही दी।
स्वाति बोली मैंने सोचा कल आपका बर्थडे था तो शायद आपने पार्टी दी होगी।
सुधीर बोला किसको पार्टी दूं। मेरा कोई अपना है ही नही जिसको पार्टी दूँ।
स्वाति बोली क्या आपके घर मे कोई नही है।
सुधीर और स्वाति की दोस्ती Love story in bus
सुधीर बोला नही ।स्वाति बोली अब तक कोई नही था।
लेकिन अब आपकी एक दोस्त है। सुधीर बोला कौन है?
,स्वाति ने कहा मैं हु ना क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगे।
सुधीर का मन बहुत खुश हुआ और उसने हाथ बढ़ाते हुए कहा मुझसे दोस्ती करोगी।
और दोनों ने हाथ मिलाया और हंसने लगे।
अब वो ऑफिस पहुंच गए ,और अपने अपने काम पर लग गए।
फिर वो लंच टाइम में मिले और साथ साथ लंच किया।
उन्होंने बहुत बातें की ।शाम को फिर अपने घर के लिए निकल गए।
सुधीर ने स्वाति से उसका मोबाइल नंबर मांगा और स्वाति ने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया।
अब वो अपने घर पहुंच गया।और उसने स्वाति को फोन लगाया और पूछा कि क्या वो घर पहुंच गई?
स्वाति बोली कि बस पहुंचने वाली हु ।
घर पहुंचने पर मुझे कॉल कर देना।
स्वाति ने घर पहुंचकर उसको कॉल किया,और दोनों सो गए ।
अगले दिन जब सुधीर बस में चढ़ा तो उसको स्वाति दिखाई नही दी ।
तो उसने स्वाति को कॉल किया।
उसने कहा कि मेरे पिताजी की तबियत खराब हो गयी है ।इसलिये मैं उनको हॉस्पिटल में लेकर आई हूं।
तो सुधीर बोला कि क्या हुआ तुम्हारे पिताजी को स्वाति बोली कि उनको हार्ट अटैक आया है ।
क्या मैं वहाँ आऊं तब स्वाति बोली कि नही अब मेरे पिताजी ठीक है ,और सुधीर कुमार अपने ऑफिस पहुंच गया ।
पूरा दिन वो स्वाति के बारे में ही सोचता रहा,और शाम को वो अपने घर पहुंच कर स्वाति को फोन लगाने लगा।
लेकिन स्वाति का फोन बंद आ रहा था।
सुधीर ये सोच कर परेशान हो रहा था कि क्या स्वाति अकेले सब कुछ संभाल पाएगी या नही ?
अगले दिन स्वाति और सुधीर बस में मिले सुधीर कुमार ने पूछा अब तुम्हारे पिता कैसे है ?
स्वाति ने कहा कि अब वो ठीक है।
सुधीर ने कहा कल शाम को तुम्हारा फोन नही लग रहा था।स्वाति बोली कि चार्जिंग नही थी।
सुधीर ने पूछा- घर मे और कौन कौन है ?
स्वाति बोली – मेरे माता पिता और एक छोटा भाई और छोटी बहन है।
सुधीर ने पूछा -तुम्हारे पापा क्या काम करते है ?
पापा रेलवे कर्मचारी है। और माँ हाउस वाइफ है ।
मेरे दोनो भाई बहन पढ़ते है ,और कुछ बताऊ स्वाति ने कटाक्ष में कहा।
तो सुधीर बोला -अरे मैं तो बस यूं ही पूछ रहा था।
सुधीर मन ही मन स्वाति को पसन्द करने लगा था पर वो उसको बात नही पा रहा था ।वो सोच रहा था कि सही मौका मिलने पर उससे बात करूंगा।
जब संडे का दिन आया तो सुधीर ने स्वाति को कॉल किया और कहा कि क्या आज तुम फ्री हो ।तो स्वाति ने कहा कि क्या कोई काम था।
सुधीर कुमार बोला- आज कही घूमने चलते है।
तब स्वाति बोली ठीक है ,तुम्हारे बस स्टॉप पर मिलते है ।
दोनो ने वहाँ से टैक्सी की और जुहू चौपाटी चले गए।
सुधीर ने कहा कि पहले मैं यहाँ पर अकेले आता था।
लेकिन आज एक दोस्त के साथ आया हु ।
आज का दिन मेरे लिए बहुत खास है। तो स्वाति ने पूछा कि आज क्या है।
सुधीर बोला आज मेरी सबसे अच्छी दोस्त का बर्थडे है।
फिर स्वाति को याद आया कि आज तो उसका भी बर्थडे है।
स्वाति ने सुधीर को कहा कि आज किसका बर्थडे है।
सुधीर बोला -आज स्वाति का बर्थडे है और हंसने लगा।
स्वाति उसको मारने के लिए उसके पीछे दौड़ी और सुधीर कुमार भागते हुए गिर गया ।
स्वाति भी उसके ऊपर गिर गई ।
वक्त थम सा गया दोनो एक दूसरे को देखते रहे ।
आगे की कहानी अगले पार्ट में
धन्यवाद।