TABLE OF CONTENTS
- Dizziness Meaning in Hindi – चक्कर आने का मतलब मीनिंग
- चक्कर आने के कारण
- चक्कर आने के लक्षण
- डॉक्टर के पास कब जाएँ?
- चक्कर आने का इलाज
- चक्कर आने पर क्या करें?
कभी कभी हमारी आँखों के सामने अँधेरा सा छा जाता है या बहुत देर बैठे रहने के बाद जब हम खड़े होते हैं तो कभी कभी हमे ऐसा महसूस होता है की हमारे आस पास सब घूम रहा है तब ऐसी परिस्थिति को चक्कर आना (Dizziness Meaning in Hindi) कहते हैं। इसमें हल्का, धुंधला, या थोड़ा सा असंतुलन की भावना होती है। यह हमारे उन अंगों को प्रभावित करता है जिससे हम सेन्स करते हैं जैसे आँखे, और कान और कभी कभी यह बेहोशी का कारण भी बन सकती है।
चक्कर आना कोई बीमारी नहीं होती बल्कि यह कई सारी समस्याओं का लक्षण होता है। चक्कर आना वयस्कों में सबसे आम कारणों में से एक है जिसके लिए वो डॉक्टर के पास जाते हैं। अक्सर चक्कर आना या लगातार चक्कर आना आपके जीवन को काफी प्रभावित कर सकता है। लेकिन चक्कर आना शायद ही कभी जीवन को खतरनाक स्थिति का संकेत देता है। चक्कर आना का इलाज इसके कारण और लक्षणों पर निर्भर करता है। इलाज आमतौर पर प्रभावी होते हैं, लेकिन यह समस्या दोबारा शुरू हो सकती है। आइये जानते हैं Dizziness ka matalab hindi me kya hai, (डिज़्ज़िनेस्स का हिंदी में मतलब – डिज़्ज़िनेस्स हिंदी में जाने) और इसके क्या लक्षण होते हैं?
Contents:- चक्कर आने का मतलब मीनिंग
- चक्कर आने के कारण
- चक्कर आने के लक्षण
- डॉक्टर के पास कब जाएँ
- चक्कर आने का इलाज
- चक्कर आने पर क्या करें
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Dizziness Meaning in Hindi – चक्कर आने का मतलब मीनिंग
Dizziness english to hindi dictionary is define as चक्कर, घूमनी या घूर्णी। चक्कर आने का मतलब मीनिंग – अगर चक्कर आने को परिभाषित किया जाये तो यह स्थानिक धारणा और स्थिरता में एक हानि है। डिज़्ज़िनेस्स का हिंदी में मीनिंग is चक्कर आना, सर घूमने जैसा ही होता है परन्तु ये दोनों एक नहीं होते। बहुत बार चक्कर आने (Dizziness in Hindi) को सर घूमना, प्रेसिंकोप, अस्थिरता और कभी कभी घुमरी भी कहा जाता है। कभी कभी स्पिनिंग जैसे क्रियाओं में भाग लेने पर भी चक्कर आ जाते हैं। यहां हमने सर घूमना, अस्थिरता, प्रेसिंकोप, और गैर विशिष्ट डिज़्ज़िनेस को परिभाषित किया है जो इस प्रकार है-
वर्टिगो: इसमें आस पास की वस्तुएं घूमती हुई नजर आती हैं और बहुत बार लोग इससे इतने परेशान हो जाते हैं कि उनको जी मिचलाना और उल्टी की समस्या भी हो जाती है। चक्कर आने के करीबन 25% मामलों में यह समस्या सबसे आम होती है।
असंतुलन या अस्थिरता: इसमें मनुष्य अपना संतुलन खो देता है और अक्सर एक विशिष्ट दिशा में गिरने की सम्भावना सी बन जाती है। यह स्थिति अक्सर मतली या उल्टी से जुड़ी नहीं होती है।
प्रेसिंकोप या लाइटहेडनेस: यह मांसपेशियों की कमजोरी के कारण होती है, और इसमें मनुष्य को बहुत बार बेहोशी आ जाती है।
गैर-विशिष्ट चक्कर आना: यह मनोवैज्ञानिक कारणों से होता है।और यह कभी-कभी हाइपरवेन्टिलेशन की वजह से हो सकता है।
चक्कर आने के कारण
चक्कर आने के सामान्य कारणों में माइग्रेन की बीमारी, दवाएं और अल्कोहल शामिल है। यह भीतरी कान में एक समस्या के कारण हो सकता है, जहां से हमारा संतुलन होता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के समय भी चक्कर आना बहुत आम समस्या माना जाता है। इनके अलावा चक्कर आने के कारणों को नीचे संक्षेप में बताया गया है। आइये जानते हैं किन कारणों की वजह से एक मनुष्य को चक्कर आ सकते हैं-
- ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट
- दिल की मांसपेशियों की बीमारी
- ब्लड की मात्रा में कमी
- घबराहट की बीमारियां
- एनीमिया
- हाइपोग्लाइसेमिया (कम ब्लड शुगर)
- कान में इन्फेक्शन
- निर्जलीकरण
- तापघात
- अत्यधिक व्यायाम
- मोशन सिकनेस
- प्रेगनेंसी के कारण
दुर्लभ मामलों में, चक्कर आना मल्टीपल स्क्लेरोसिस, स्ट्रोक के कारण, ट्यूमर के कारण, या किसी अन्य मस्तिष्क विकार के कारण हो सकता है।
चक्कर आने के लक्षण
चक्कर आना अनुभव करने वाले लोगों को विभिन्न तरह के लक्षण महसूस हो सकते है, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- लाइटहेडनेस या बेहोश हो जाना
- सर घूमना
- अस्थिरता
- संतुलन का नुकसान
- तैरने की भावना
कभी-कभी चक्कर आने के साथ उल्टी, जी मिचलाना और बेहोश हो जाना जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं। यदि आप इन लक्षणों को महसूस करते हैं तो आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें।
डॉक्टर के पास कब जाएँ?
यदि आप चक्कर आना महसूस कर रहें हैं तो आपको अपने डॉक्टर को तुरंत फोन करना चाहिए। यदि आपको इन समस्याओं के साथ अचानक चक्कर आ (Dizziness Meaning in Hindi) जाता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं:
- सिर की चोट
- सरदर्द
- गर्दन दर्द
- तेज बुखार
- धुंधली दृष्टि
- बहरापन
- बोलने में कठिनाई
- स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी
- आंख या मुंह सुन्न हो जाना
- बेहोशी
- छाती में दर्द
- उल्टी
ये लक्षण गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत दे सकते हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके चिकित्सा ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
चक्कर आने का इलाज
चक्कर आने का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है ज्यादातर मामलों में इसका इलाज घरेलू उपचारों और चिकत्सीय उपचारों की सहायता से हो जाता है। उदाहरण के लिए:
- आंतरिक कान के मुद्दों को दवाओं और घर पर कुछ एक्सरसाइज करके इसका इलाज किया जा सकता है जो नियंत्रण संतुलन में मदद कर सकता हैं।
- मेनिएयर रोग को कम नमक वाली डाइट से कम किया जा सकता है, कभी-कभी इंजेक्शन, या कान सर्जरी के साथ भी इलाज किया जाता है।
- माइग्रेन को दवाओं और जीवनशैली में परिवर्तनों के साथ इलाज किया जाता है, जैसे कि माइग्रेन ट्रिगर्स की पहचान और इससे बचने के लिए सीखना।
- एंजाइटी को दवा और चिंता-घटाने की तकनीक से सही किया जा सकता है।
- अत्यधिक व्यायाम, गर्मी या निर्जलीकरण के कारण चक्कर आने पर बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से मदद मिल सकती है।
चक्कर आने पर क्या करें?
यदि आप चक्कर आने से परेशान रहते हैं तो चक्कर आने पर इन उपायों को करें-
- अगर आपको चक्कर आने (Dizziness Meaning in Hindi) जैसे महसूस हो तो एक जगह बैठ जाएँ जबतक चक्कर आने बंद नहीं होते। ऐसा करना आपको चक्कर आने की वजह से लगने वाली चोट से आपको बचा सकता है।
- यदि आपको असंतुलन महसूस हो रहा हो तो वॉकर या किसी छड़ी की सहायता लें।
- ऐसी क्रियाएं करें जिनसे आपका संतुलन बना रहे जैसे योगा और ताई ची।
- चलते समय या किसी अन्य क्रिया के दौरान अचानक से स्थिति न बदलें।
- यदि आपको चक्कर आने की समस्या रहती है तो कार न चलाएं और हेवी मशीन न चलाएं।
- कैफीन, शराब और तंबाकू से बचें। इन पदार्थों का उपयोग चक्कर आना या इससे भी बदतर हो सकता है।
- दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीएं, सात घंटे या अधिक नींद लें, और तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचें।
- चक्कर आने से बचाने में मदद के लिए सब्जियों, फलों और प्रोटीन युक्त स्वस्थ भोजन खाएं।
एक बार अंतर्निहित कारण का इलाज होने के बाद चक्कर आना ज्यादातर मामलों में सही हो जाता है। दुर्लभ मामलों में, चक्कर आना अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
चक्कर आना कभी कभी घातक समस्याओं की तरफ इशारा कर सकती है, जब यह बेहोश होना या संतुलन का नुकसान होना काफी आम हो जाये। यदि आपको चक्कर आने (Dizziness Meaning in Hindi) की समस्या रहती है तो भारी मशीनरी न चलाएं और या कभी कार चलाते समय चक्कर आ जाएँ तो रुक जाये और जबतक सब ठीक नहीं होता बैठे रहें और कार न चलाएं।