सोशल मीडिया के ज़रिए फैलता कोरोना वायरस

सोशल मीडिया के ज़रिए फैलता कोरोना वायरस

विश्व में तो कोरोना वायरस एक मनुष्य से दूसरे को लग रहा है पर अपने यहां ये वायरस व्हाट्सऐप, फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के माध्यम से फैल रहा है.

हिन्दुस्तान, पाकिस्तान में कुल मिला के कोरोना वायरस के पीड़ितों की तादाद अब तक बाक़ी देशों के मुक़ाबले में ख़ासी कम है.

पर वैद्यों, हकीमों, टोटकेबाज़ों और कोरोना वायरस से बचाव करवाने वाले पीरों, फ़क़ीरों, साधुओं और राह चलते मशविरा देने वालों की संख्या देढ़ सौ करोड़ से ऊपर हो गई है.

मुझे इस बारे में बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होता क्योंकि जिस समाज में एड्स और कैंसर का इलाज झाड़-फूंक से और शुगर का इलाज दो चम्मच चीनी सुबह-शाम फांकने के मशविरों से हो रहा हो और दिल की रगें बाइपास की बजाय लहसुन, शहद और कलौंजी पीस पर पीने से खोलने के दावे हो रहे हों – वहां अगर कोरोना वायरस गोमूत्र पीने या गोबर मुंह पर मलने या फिर उबलते हुए पानी से हलक़ तर करते रहने या वायरस को आत्महत्या पर मजबूर करने के लिए दो कच्चा लहसुन खाने की सलाह न सिर्फ़ दी जा रही हो बल्कि लाखों की संख्या में फॉर्वर्ड भी हो रही हो – तो ऐसे लोगों का कोरोना वायरस तो क्या भगवान और ख़ुदा भी कुछ नहीं कर सकता.

मगर सबसे ज़्यादा भयंकर ये बात हो रही है कि यार लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ़ जैसी संस्थाओं से अंग्रेज़ी, उर्दू, हिंदी वग़ैरह में ये सब अटाएं-सटाएं लिख लिख कर फैला रहे हैं.

Leave a Reply