तूने तो कहा था हर शाम गुजरेंगी तेरी बाहों में, अब तू बदल गयी, या तेरे शहर में शाम नहीं होती Post author:EvenBro Post published:March 27, 2021 Post category:Shayari / Uncategorized Post comments:0 Comments You Might Also Like जवानी में कई ग़ज़लें – कुमार विश्वास March 17, 2021 फिर कुछ ऐसे भी ….. April 6, 2021 अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे, जिसको न मिले वही ढूंढे.. March 30, 2021 Leave a Reply Cancel reply