तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ  teri murli ki dhun sunne main barsane se aayi hun

तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ teri murli ki dhun sunne main barsane se aayi hun

तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ । मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की जाई हूँ ॥ अरे रसिया, ओ मन वासिय, मैं इतनी दूर से आयी हूँ ॥

सुना है श्याम मनमोहन, के माखन खूब चुराते हो । उन्हें माखन खिलने को मैं मटकी साथ लायी हूँ ॥

सुना है श्याम मनमोहन, के गौएँ खूब चरते हो । तेरे गौएँ चराने को मैं ग्वाले साथ लायी हूँ ॥

सुना है श्याम मनमोहन, के कृपा खूब करते हो। तेरी कृपा मैं पाने को तेरे दरबार आयी हूँ ॥

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